हस्तिनापुर का इतिहास

भारत को मातृभूमि, पितृभूमि एवं पुण्यभूमि मानने वाले व्यक्ति के लिए इसका हर रजकण शिरोधार्य है। उसमें भी वे स्थान जहाँ महापुरुषों एवं तीर्थंकर भगवन्तों के कल्याणक हुए हों, तीर्थ रूप में परम पूजनीय रहे है। ऐसे महान तीर्थों में उत्तर भारत में स्थित दिल्ली से ११० कि. मी. की दूरी पर मेरठ के समीप हस्तिनापुर नाम का एतिहासिक महान तीर्थ आज भी प्राचीन गौरव को दैदिप्यमान करता हुआ विद्यमान है।

जैनागमों के अनुसार सभ्ययुग के आरम्भ में भारत वर्ष की आदि नगरियों अयोध्या और काशी के साथ ही हस्तिनापुर का निर्माण हो चुका था । यह वह समय था जब भोग भूमि (अकर्मभूमि) के अवसान पर प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव ने उद्यम - प्रधान कर्म युद्ध का प्रारम्भ किया था ।

मंदिर परिसर एवं व्यवस्था केंद्र

श्री विनोद भाई एन. दलाल के मार्गदर्शन एवं देख-रेख में हस्तिनापुर तीर्थ के मन्दिरों एवं धर्मशालाओं के निम्न निर्माण हुए।

हस्तिनापुर पहुँचने का मार्ग और सम्पर्क सूत्र

हस्तिनापुर की दूरी

इंदिरा गांधी हवाई अड्डा दिल्ली से - १३३ की. मी.
मेरठ सिटी जंक्शन से - ४२ की. मी.
मवाना से - १३ की. मी.

हस्तिनापुर तीर्थ एवं अष्टापद

श्री विनोदभाई दलाल के जीवंत क्षणो का संग्रह